पंडित : डॉलर के मुकाबले कमजोर होते रुपये ने सरकारी तेल कंपनियों को पेट्रोल के दामों में फिर से समीक्षा करने को मजबूर कर दिया है। भारत में ज्यादातर कच्चा तेल आयात किया जाता है, जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में रुपये के गिरते भाव से भारत में तेल आयात करना महंगा हो गया है।सूत्रों की माने तो पेट्रोल के दाम में एक रुपये की बढ़ोतरी की जा सकती है। हलांकि पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के मद्देनजर इसपर राजनैतिक सहमति भी जरूरी होगी। माना यह भी जा रहा है कि सरकार के ज्यादातर घटक दल इससे सहमत नहीं हैं।
जब से पेट्रोल के दाम को नियंत्रण मुक्त कर दिया गया है तभी से सरकारी तेल कंपनियां हर महीने के 1 और 16 तारीख को पेट्रोल के दामों की समीक्षा करती है। 31 दिसंबर को इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम जैसी बड़ी कंपनियां फिर से इसकी समीक्षा कर सकती हैं। इसमें एक रुपये का इजाफा संभव है। फिलहाल दिल्ली में पेट्रोल 65.64 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है।




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