सोनू पंडित : रिटेल सेक्टर में एफडीआई की अनुमति को लेकर संसद के दोनों सदनों में कार्यवाही नहीं हो सकी और दोनों सदनों को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया। इस बीच जारी गतिरोध को दूर करने के लिए मंगलवार को सरकार सर्वदलीय बैठक बुला सकती है। सूत्रों के हवाले से यह खबर आई है।संसद में जारी गतिरोध को लेकर ही प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सोमवार को राष्ट्रपति से मिलकर उन्हें स्थिति से अवगत कराया। दोनों की बैठक करीब 40 मिनट तक चली।
इससे पहले, सोमवार को जब दोनों सदनों की बैठक शुरू हुई तो विपक्षी दलों ने जोरदार हंगामा किया। हंगामे के चलते पहले सदन की कार्यवाही 12 बजे तक और फिर दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया। प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा ने दोनों सदनों में इस मुद्दे पर पहले ही कार्य स्थगन प्रस्ताव दिया था।
इस बीच, खुदरा क्षेत्र में विदेशी निवेश के खिलाफ विभिन्न गैर कांग्रेस शासित प्रदेश तो पहले से ही थे अब केरल ने भी इसका विरोध किया है।
लोकसभा में भाजपा के मुरली मनोहर जोशी, राजनाथ सिंह, जदयू के शरद यादव, माकपा के वासुदेव आचार्य, भाकपा के गुरूदास दासगुप्ता, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय, सपा के शैलेन्द्र कुमार को सरकार से इस विषय पर सवाल करते देखा गया। भाजपा सदस्य तख्तियां लिये हुए थे जिस पर रिटेल क्षेत्र में एफडीआई को वापस लेने से संबंधित नारे लिखे थे।
इस बीच, टीआरएस के टी चंद्रशेखर राव और विजया शांति तथा आंध्रप्रदेश के कुछ कांग्रेसी सदस्यों को पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के मुद्दे को उठाते देखा गया। केरल से विभिन्न दलों के सदस्य मुल्लापेरियार बांध का विरोध कर रहे थे, उन्होंने अपने हाथों में तख्तियां ली हुई थी।
इस मुद्दे पर कोई नरमी न दिखाने का संकेत लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज ने भी दिया। सुषमा ने टि्वटर पर कहा कि हम चाहते हैं कि सदन में इस मुद्दे पर चर्चा हो। खुदरा कारोबार में 51 फीसदी एफडीआई के फैसले को स्वीकार नहीं कर सकते।




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