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पंडित-: कांग्रेस पदाधिकारियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि एफडीआई के लागू होने से देश में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार ने खुदरा क्षेत्र में एफडीआई का फैसला जल्दबाजी में नहीं बल्कि काफी सोच समझ कर लिया गया है। एफडीआई के लागू होने से कृषि उत्पादों की बरबादी कम होगी और किसानों को सीधा फायदा होगा। प्रधानमंत्री यहां पर भारतीय युवा कांग्रेस के चुने पदाधिकारियों के सम्मेलन ‘बुनियाद’ को संबोधित कर रहे थे।
पीएम ने उम्मीद जताई है कि संसद चलाने का रास्ता जल्द निकल आएगा। उनका कहना है कि खुदरा क्षेत्र में निवेश के फैसले को लागू करना राज्यों के लिए जरूरी नहीं है। विपक्षी दल इस सत्र में संसद को ठीक तरह से नहीं चलने दे रहे हैं। मनमोहन ने कहा कि कई नए कानून बनाने हैं लेकिन विपक्ष संसद को काम नहीं करने दे रहा है।
इससे पहले सोमवार को कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने सम्मेलन को संबोधित किया था। राहुल ने साफ किया था कि इस संगठन में उन्होंने काफी बदलाव किया है और अब कांग्रेस में युवा किसी की सिफारिश पर नहीं बल्कि अपने दम पर चुनकर आ रहे हैं।
उत्तर प्रदेश पर राहुल की खास नजर है लिहाजा उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले इस सम्मेलन को काफी अहम माना जा रहा है। इस सम्मेलन में 20 राज्यों के करीब 8,000 युवक कांग्रेस पदाधिकारी हिस्सा ले रहे हैं। कांग्रेस महासचिव बनने और युवक कांग्रेस का प्रभार सम्भालने के बाद राहुल के नेतृत्व में यह अब तक का सबसे बड़ा आयोजन है। इस दो दिवसीय सम्मेलन को ‘बुनियाद’ नाम दिया गया है।
नई दिल्ली। खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति दिए जाने के खिलाफ विपक्षी दलों के हंगामे के कारण सोमवार को संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित करनी पड़ी।
- लोकसभा में बीजेपी के सांसद मुरली मनोहर जोशी ने एफडीआई के मसले पर कार्यस्थगन प्रस्ताव दिया था।
- सुबह 11 बजे कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर हंगामा शुरू कर दिया।
- लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने विपक्षी दलों के हंगामे के कारण कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
-इसी मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के कारण राज्यसभा में प्रश्नकाल नहीं हो सका और सभापति हामिद अंसारी ने विपक्ष के कड़े तेवर को देखते हुए कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
-सभापति ने पूछा कि आखिर उनका मुद्दा क्या है और वे शोर क्यों मचा रहे हैं।
- उन्होंने हंगामा कर रहे सदस्यों से अपनी सीटों पर बैठने को कहा लेकिन सदस्यों ने उनकी एक न सुनी और वे नारे लगाते हुए सभापति के आसन के पास पहुंच गए।
- डॉ. अंसारी ने सदस्यों को आसन की तरफ आने से रोका पर सदस्य नहीं माने।
-कर्नाटक और केरल के सांसद हाथों में कागज के बैनर लिए हुए थे। वे मुल्लापेरियार बांध को लेकर हंगामा कर रहे थे।
-कार्यवाही दोबारा शुरू होने के बाद भी हंगामा नहीं थमा, जिसके बाद दोनों सदनों की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित करनी पड़ी।
सोनू पंडित : रिटेल सेक्टर में एफडीआई की अनुमति को लेकर संसद के दोनों सदनों में कार्यवाही नहीं हो सकी और दोनों सदनों को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया। इस बीच जारी गतिरोध को दूर करने के लिए मंगलवार को सरकार सर्वदलीय बैठक बुला सकती है। सूत्रों के हवाले से यह खबर आई है।
संसद में जारी गतिरोध को लेकर ही प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सोमवार को राष्ट्रपति से मिलकर उन्हें स्थिति से अवगत कराया। दोनों की बैठक करीब 40 मिनट तक चली।
इससे पहले, सोमवार को जब दोनों सदनों की बैठक शुरू हुई तो विपक्षी दलों ने जोरदार हंगामा किया। हंगामे के चलते पहले सदन की कार्यवाही 12 बजे तक और फिर दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया। प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा ने दोनों सदनों में इस मुद्दे पर पहले ही कार्य स्थगन प्रस्ताव दिया था।
इस बीच, खुदरा क्षेत्र में विदेशी निवेश के खिलाफ विभिन्न गैर कांग्रेस शासित प्रदेश तो पहले से ही थे अब केरल ने भी इसका विरोध किया है।
लोकसभा में भाजपा के मुरली मनोहर जोशी, राजनाथ सिंह, जदयू के शरद यादव, माकपा के वासुदेव आचार्य, भाकपा के गुरूदास दासगुप्ता, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय, सपा के शैलेन्द्र कुमार को सरकार से इस विषय पर सवाल करते देखा गया। भाजपा सदस्य तख्तियां लिये हुए थे जिस पर रिटेल क्षेत्र में एफडीआई को वापस लेने से संबंधित नारे लिखे थे।
इस बीच, टीआरएस के टी चंद्रशेखर राव और विजया शांति तथा आंध्रप्रदेश के कुछ कांग्रेसी सदस्यों को पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के मुद्दे को उठाते देखा गया। केरल से विभिन्न दलों के सदस्य मुल्लापेरियार बांध का विरोध कर रहे थे, उन्होंने अपने हाथों में तख्तियां ली हुई थी।
इस मुद्दे पर कोई नरमी न दिखाने का संकेत लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज ने भी दिया। सुषमा ने टि्वटर पर कहा कि हम चाहते हैं कि सदन में इस मुद्दे पर चर्चा हो। खुदरा कारोबार में 51 फीसदी एफडीआई के फैसले को स्वीकार नहीं कर सकते।
पंडित-: 20/11 हमले के दौरान अदम्य साहस का परिचय देते हुए सुरक्षा बलों ने जीवित आतंकी यानी अजमल कसाब को पकड़ लिया। भारत के लिए यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। हमले के वीडियो फुटेज में जिस आतंकी को गोलियां बरसाते हुए देखा जा रहा है, वो ही आतंकी आज हमारी जेल में है। लेकिन विडंबना ही रही कि पकड़े जाने के तीन साल बाद तक कसाब हमारा सरकारी दामाद बना हुआ है और उसकी सुरक्षा और देख रेख में करोड़ों रुपए हर साल खर्च किए जा रहे हैं। शहीदों के परिजन कसाब की फांसी पर लटकते हुए देखने के लिए तरस गए हैं लेकिन कसाब आराम से जेल में मटन चिकन उड़ा रहा है।